Premature death से रक्षा के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष सुरक्षित होता है और यह पुरुषों , महिलाओं और बच्चों , हर किसी के लिए अच्छा है । यह समान्य खुशहाली , स्वास्थ्य और स्वतंत्रता के लिए है । यह आपके ब्लड प्रेशर को कम करता है , आपकी तंत्रिकाओं को शांत करता है और स्नायु तंत्र में एक तरह की शांति और सतर्कता लाता है
यह जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता पाने में मदद करता है और ज्ञान , धन , शक्ति और प्रसिद्धि पाने में मदद करता है । हालांकि , इसमें पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व ज्यादा है । धन और समृद्धि पाने के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह दी जाती है ।
माना जाता है कि इसको धारण करने से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद बना रहता है । इसे धारण करने वाले को विशेष सावधानियां बरतने की जरुरत होती है । इसको पहनने से हृदय संबंधित बीमारियां , तनाव , चिंता , रक्त दबाव आदि को नियंत्रित करने में मदद मिलती है । मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं । धारणकर्ता को विभिन्न विषयों का ज्ञान अर्जित करने में मदद मिलती है ।
Premature death
Premature death 2 के लिए भी इस रुद्राक्ष को पहन सकते हैं । पंचमुखी रुद्राक्ष साक्षात् शिव स्वरूप है । यह रुद्राक्ष नरहत्या के दोषों को दूर करने में सक्षम है । इस रुद्राक्ष को धारण करने से बृहस्पति के अशुभ फल समाप्त हो जाते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है । ज्ञान और आध्यात्मिक विकास के लिए इस रुदाक्ष को धारण करना चाहिए ।
इस रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे गंगा जल या कच्चे दूध से शुद्ध कर लीजिए । उसके बाद धूप , दीप जलाकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने की सलाह दी जाती है । इसके बाद ' ॐ ह्रीं नम : ' मंत्र का 108 बार जाप करें ।
पंचमुखी रुद्राक्ष सर्वगुणों से संपन्न है इसके धारण करने से संतान एवं धन सुख प्राप्त होता है । वस्तुतः यह रुद्राक्ष सभी रुद्राक्षों में सर्वाधिक शुभ तथा पुण्य प्रदान करनेवाला माना गया है । इसे धारण करने से शीघ्र ही निर्धनता , दाम्पत्य सुख में कमी , जांघ व कान के रोग , मधुमेह जैसे रोगों का निवारण होता है । पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने वालों को सुख , शांति तथा प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है । ह्रदय रोगियों के लिए तो यह रामबाण ही है । इससे आत्मविश्वास , मनोबल तथा ईश्वर के प्रति श्रद्धा बढ़ती है ।
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इस यंत्र की स्थापना से आपका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है । मात्र इस यंत्र की स्थापना से ही घर के सभी वास्तु दोष दूर होते हैं । बच्चों की शिक्षा के स्थान पर श्री यंत्र रखने से उनमें एकाग्रता बढ़ती है । तांबे का श्री यंत्र रखने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी होती है ।
कहा जाता है कि श्रीयंत्र की पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है इसलिए लोग अपने घर में श्रीयंत्र की स्थापना करके पूजा और अराधना करते हैं । यदि विधि विधान के साथ श्रीयंत्र की पूजा की जाती है वहां सदैव सुख संपत्ति , सौभाग्य और ऐश्वर्य बना रहता है ।
धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रीयंत्र की पूजा बहुत प्रभावशाली मानी गई है । कहा जाता है कि श्रीयंत्र की पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है इसलिए लोग अपने घर में श्रीयंत्र की स्थापना करके पूजा और अराधना करते हैं ।
यदि विधि - विधान के साथ श्रीयंत्र की पूजा की जाती है वहां सदैव सुख - संपत्ति , सौभाग्य और ऐश्वर्य बना रहता है । यदि आपने अपने घर में श्रीयंत्र की स्थापना की है या करने जा रहे हैं तो इससे संबंधित नियमों का पालन करना भी कुछ बेहद जरूरी है । यदि इन बातों को ध्यान में न रखा जाए तो श्रीयंत्र पूजा करने का उचित फल प्राप्त नहीं होता है ।
सनातन धर्म में शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व होता है । शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य से शुभ फल की प्राप्ति होती है , इसलिए कोई भी कार्य करने से पहले मुहूर्त अवश्य देखा जाता है । यदि आप अपने घर में श्री यंत्र स्थापित कर रहे हैं तो किसी योग्य ज्योतिषी से शुभ मुहुर्त की जानकारी अवश्य ले
अगर घर में श्रीयंत्र रख रहे हैं तो उसे भी पूजा स्थान में रखें और देव समान ही नियमित रूप से पूजा करें । शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के साथ श्री यंत्र की पूजा अवश्य करें । इस बात का ध्यान रखें कि एक बार श्री यंत्र को स्थापित करने के बाद रोजाना उसकी पूजा जरूर करनी चाहिए । इसकी पूजा न करने से आपको कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है इसके अलावा इसके नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं ।
Premature death से रक्षा कोई भी यंत्र आकृतियों , चिन्हों और अंको को उकेरकर बनाया जाता है , किसी भी यंत्र का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही तरह से बना हुआ होना आवश्यक है । यदि आप श्रीयंत्र को घर में स्थापित कर रहे हैं तो भलभांति जांच लें कि श्रीयंत्र सही बना हो , गलत श्रीयंत्र की पूजा करने से कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है ।
FAQ
7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
किसी बी रूद्राक्ष में जो धारियां बनी होती है उन धारियो के मुख में जाना जाता है किसी रुद्राक्ष में अगर दो धारियां बनी है तो उसे दो मुखी ओर 7 धारियां बनी है तो 7 मुखी होता है 7 मुखी रूद्राक्ष के स्वामी शनिदेव होते है शनिदेव से सम्बंदित समस्या जिनको चल रही होती है बे 7 मुखी रूद्राक्ष पहन सकते है सप्तऋषि मंडल का इसको स्वरूप मानते है ओर इस रूद्राक्ष में सात हॉर्स जितनी ताकत होती है लकशमी प्राप्ति में ये सहायक माना जाता है नोकरी ओर व्यापार में बी महत्बपूर्ण होता है