हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए
एक गांव में एक बहुत ही गरीब व्यक्ति रहता था उसका नाम हरी था । हरी इतना गरीब था कि सिर्फ दो समय का खाना भी बड़ी मुश्किल से अपने परिवार को खिला पाता था
लेकिन वह हमेशा भगवान का नाम लेता रहता था सुबह श्याम पूजा करना उसकी आदत थी । एक दिन ऐसा आया कि उसको कहीं भी रोजगार नहीं मिल रहा था
कई दिन वह रोजगार की तलाश में इधर उधर भटकता रहा । उसके परिवार को दो तीन दिन से खाना नहीं मिल रहा था वह भूख के मारे तड़प रहे थे । जब उसे कोई रोजगार नहीं मिला तो वह भगवान को याद करने लगा ।
अचानक उसके सामने भगवान प्रकट हुए और उसे कहा - मैं तुमसे बहुत प्रसन हूँ मांगों तुम क्या चाहते हो । हरी ने कहा - हे भगवान मुझे कोई ऐसी वस्तु दीजिये जिससे मैं अपने परिवार को भरपेट खाना खिला सकूँ और उन्हें अच्छे अच्छे कपडे पहना सकूँ ।
भगवान ने उसे एक मुर्गी दी जो सोने के अंडे देती थी और कहा- यह मुर्गी हर हफ्ते एक सोने का अंडा देगी जिससे तुम्हारी गरीबी खत्म हो जाएगी । हरी ने वो सोने का अंडा देने वाली मुर्गी ले ली ।
वह कुछ ही समय बाद वह बहुत अमीर हो गया । उसके बड़े बड़े कारोबार चलने लगे वह गांव में सबसे अमीर हो गया ।
लेकिन वह धन के लालच में आ गया और एक दिन उसने सोचा कि ये मुर्गी तो एक हफ्ते में सोने का अंडा देती है क्यों न मैं इसे मारकर इसके अंदर से सभी अंडे अभी निकाल लूँ और बहुत धनवान हो जाऊँ ।
जब उसने मुर्गी को मरकर मुर्गी के पेट में देखा तो एक भी अंडा नहीं था । अब वह पछताने लगा और धीरे धीरे फिर से गरीब हो गया ।
कहानी की शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए । लालच करने से हमेशा हानि ही होती है ।